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संसार ----------● अव्यक्त, अपरिभाषित, असीमित, अपार अलक्ष्य अघोषित, ही तो है संसार युगों युगों से कोई पार न पाया ये प्रकृति का सृजन और सार........ --------● ©® कावेरी लिली अन्तस् की ...