संसार

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तेरी नापाक हरकतों से हम अनजान थोड़े ही हैं  सबकुछ देख कर भी ना समझें नादान थोड़े ही हैं फिर से  ठुकरा दो जैसे पिछली बार ठुकराया था  इस संसार मे ...

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