कविता ःसंसार

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कविता ःसंसार ★★★★★★★ मोहमाया और छलकपट से सब बंधे हैं तजता नहीं ये व्यापार लाभहानि ,सुखदुख  सबसे परे है  यह नश्वर संसार जन्म, जरा और मृत्यु यही तीन सत्य जीवन के ...

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