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मुस्कान चाहत नहीं मुझको हिमालय सा ऊंचा उठने की ख्वाब ये कि यारों के दिलों में गहरे उतर जाऊं ना देना खुदा मुझ को जमाने की दौलत सारी लबों पर मुस्कान ...