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2122 2122 2122 2122 मुस्कान हैं दिये इस जगत प्रभु ने श्रेष्ठ वरदान हम सबको सुखद जीवन चाहते तो मान देवें निज रिश्तों को बनके रहें अडिग हरदम पत्थर से हम ...