विपात्र. : गजानन माधव मुक्तिबोध

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सुनहरे चेहरेवाले ने कहा, 'यह धोबिन है, मेहनत से उसका शरीर बना है।' मेरे मुँह से निकल गया, 'चंडीदास की प्रेमिका।' जगत ने मुझे सुधारा, 'शी:, चंडीदास की प्रेमिका के चेहरे ...

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