मेहबूब

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नमन मंच  मेरे जज्बात ,           मेहबूब महबूब मेरे मेरे सनम।  क्यों चोरी चोरी दिल मैं  मेरे समा तुम गए ।। दिल मैं आकर मुझको मुझसे ही चुरा ...

अध्याय

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