राग दरबारी (उपन्यास) : श्रीलाल शुक्ल

17 भाग

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अध्याय 1. जाना रंगनाथ का शिवपालगंज शहर का किनारा। उसे छोड़ते ही भारतीय देहात का महासागर शुरू हो जाता था। वहीं एक ट्रक खड़ा था। उसे देखते ही यकीन हो जाता ...

अध्याय

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