बहरूपिया संन्यासी (उपन्यास) : मणि भूषण मिश्र ‘गूँजो’

21 भाग

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फणीश्वर नाथ उस चित्र को देर तक निहार कर बोल उठता है, "अपरूप रूप !" लालमोहर पूछता है ,"अपरूप रूप कौन है ?" फणीश्वरनाथ अचकचा जाता है, "...कोई नहीं ! यह ...

अध्याय

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