चरणराज

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नमन मंच मेरी लेखनी,         चरणराज नही माँगती मेरे गिरधर ये यश वैभव । क्षण दो क्षण के सूख का क्या  ।। पल मैं आनंद हवा सा उड़ ...

अध्याय

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