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::अदम्य आकांक्षा...! ++++सब कुछ नष्ट गया, मेरी अदम्य आकांक्षा, घृणा,द्वेष, और ईर्ष्या की आग में सब कुछ भस्म हो गया। मानो एक बुलबुला था जो अपनी चमक-दमक बिखेर कर स्वयं बिखर ...