1 भाग
288 बार पढा गया
12 पसंद किया गया
प गीत तुमने आकर फिर से मेरे, सपनों को विस्तार दिया। सच कहता हूं मेरे जीवन, को अनुपम उपहार दिया।। प्रेम प्रसून भरी बगिया की, तुम मनहारी गंध बने। मन मधुकर ...