पृथ्वी का दुःख सन्ताप हरें

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पृथ्वी का दुःख सन्ताप हरें         नदियों तालाबों को भरकर       हमने ऊँचे महल बनाए l      महलों की सुंदर नक्काशी     देख देख हृदय बहुत इतराए l    पेड़ों को भी हमने काटा    वन्य ...

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