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विश्व बंधुत्व किसी भी रंग रूप का हो,किसी बोली-भाषा का हो किसी वर्ण-गोत्र का या फ़िर किसी वेशभूषा का हो देश याकि वो विदेश का हो मनुष्य तो मनुष्य ही है ...