41 भाग
20 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
उसका बोलना बन्द हुआ तो दूसरे दरबारी ने कहा -“ माफ करें महाराज ! हमारे बंधु ने ठीक ही कहा है। मैं रोज सोचता था कि आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान ...