लेखनी कहानी तू और बोझ ना बढ़ा -19-May-2023

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 तू और बोझ ना बढ़ा दिल में मेरे उदासी का कितना बोझ हैं कैसे कहूं? मुझ में  शरीक  हो  कर  तू और  बोझ  ना  बढ़ा। सब्र   करते - करते   मैं,   अब  ...

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