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*लेखनी काव्य प्रतियोगिता* *17 मई,2023* *शीर्षक: कुशाग्र बुद्धि (मुक्तक)* कुशाग्र बुद्धिमान ही सहर्ष व्योम छू रहा। पतंग सा असीम भाव सिन्धु में उछल रहा। सुतीक्ष्ण दृष्टि एक राग दिव्य मंत्र जाप ...