कुंठा (कुंडलिया)

1 भाग

224 बार पढा गया

14 पसंद किया गया

*लेखनी काव्य प्रतियोगिता* *15 मई ,2023* *शीर्षक: कुंठा (कुंडलिया)* पाल रखा है ग्रंथि जो,वह असहज इंसान।  कीड़ा बन कर काटती,सदा ग्रंथि शैतान। । सदा ग्रंथि शैतान,नाचती बन कर वानर। है दूषित ...

×