तजो रै तजो अहंकार

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नमन मंच मेरी लेखनी, वन्दना  स्वरचित        तजो रै तजो अहंकार  तजो रै तजो मन ये अंहकार सब मिथ्याभिमान । रखा कुछ नही ये सब मोह माया ।। आज ...

अध्याय

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