151 भाग
338 बार पढा गया
11 पसंद किया गया
शब्द**आत्म दर्शन** विधा**वर्ण पिरामिड तू एक बार तो आकर के देख ले तू जरा ये झूठे रिश्ते नाते ये सारे बने हुए हैं यही झूठा जग झूठी माया, काया कितने जतन ...