देखा नहीं कल

1 भाग

212 बार पढा गया

12 पसंद किया गया

देखा नहीं कल  किसी को यूं  बेआबरू ना कर।  समय से तो डर।  कब पासा पलट जाए।  कोई देखा नहीं कल।  यह हक तुम्हें , किसने दिया है।  किसी की निजी,  ...

×