इतराती रहूँ मैं

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नमन मंच भाव की बँधनवार       इतराती रहूँ मैं  इतरति रहूँ मैं मन ही मन।  मोरे घनश्याम दिया सुन्दर जहाॅं।।  भाग्यशाली कोउ न दुजा दुनिया  मेरे समान।।  घर बहार ...

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