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कविता खामोश किला राजीव कुमार झा तुम्हारे चेहरे पर कितनी खूबसूरत रोशनी फैली तुम सुंदर जंगल में बहती नदी हो इस जिंदगी की कोई पहेली हो जब धूप में प्यार के ...