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स्वर्णमुखी-- पूरा जीवन प्रेम दिवस हो। बनना सीखो प्रीति समंदर। हृदय चुने अति मधुर स्वयंवर। घृणा भाव का तहस-नहस हो। कदम-कदम पर प्रेम पर्व हो। जगह-जगह हो प्रेम वेदिका। प्रेम देव ...