इश्क़ के रंग में.....! (भाग 5)

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बिहारी जी के प्रांगण में पहुंचने के लिए चारो ने यमुना तट का रुख किया।निधिवन वाले पूरे मार्ग आवाजाही थोड़ी ज्यादा थी।समय भी भरपूर था सो सभी वहां से होते हुए ...

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