89 भाग
40 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
लड़ते बकरे और सियार-पंचतंत्र एक दिन एक सियार किसी गाँव से गुजर रहा था। उसने गाँव के बाजार के पास लोगों की एक भीड़ देखी। कौतूहलवश वह सियार भीड़ के पास ...