89 भाग
45 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
मस्तक पर चक्र-पंचतंत्र एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित ...