अठारहवाँ अध्याय

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बुद्धि और धृति या धैर्य का भी असर कर्म पर पड़ता है। ये जिस तरह की हों कर्म भी वैसे ही सात्त्विकादि बन जाते हैं। कम से कम उनके ऐसा होने ...

अध्याय

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