सातवां अध्याय

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आखिरी श्लोक में जो यह कहा है कि सभी पदार्थ मुझ परमात्मा में ही हैं, न कि मैं ही उनमें हूँ, उसका कुछ मतलब है। अब तक रस, गंध आदि के ...

अध्याय

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