चौथा अध्याय

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इन्हीं बातों का उत्तर आगे लिखा है। उसका मतलब यही है कि सृष्टि में अनेक प्रकार के कामों का बँटवारा गुणों के ही अनुसार बने स्वभाव के ही अनुकूल हुआ है। ...

अध्याय

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