58 भाग
34 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
पहला अध्याय धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षे त्रे कुरुक्षे त्रे समवेता युयुत्सव:। मामका: पांडवाश्चैव किमकुर्वत संजय॥1॥ धृतराष्ट्र ने पूछा - संजय, धर्म की भूमि कुरुक्षेत्र में जमा मेरे और पांडु-पक्ष के युद्धेच्छुक लोगों ...