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कमाल के..! लोग कहते कि हम है कमाल के! रखते क्यों नहीं हमें संभाल के! हम चित्त रहें या पट्ट, बोलिए, देखिए जरा सिक्का उछाल के ! खराब निकला, तेरा नसीब ...