1 भाग
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दुनिया में हम जीने का सहारा देते हैं। भटकते हुए मानव को किनारा देते हैं।। हम तो बादल है, आंसुओं से सागर भरते। क्या होगा परिणाम,जब रक्षक ही भक्षक बनते! उम्मीद ...