स्वर्णमुखी

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स्वर्णमुखी प्रीति दिवस की यह बेला है। थिरकेंगे हम दोनों मिलकर। महँकेंगे हम चूम-चूम कर। अति रंगीन मधुर खेला है। आओ मेरी प्यारी रानी। कभी नहीं हम तड़पायेंगे। प्रेम मधुर रस ...

अध्याय

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