144 भाग
235 बार पढा गया
11 पसंद किया गया
स्वर्णमुखी आता है वसंत भारत में। इस धरती से उसे प्रीति है। गाता आता प्रेम गीति है। भारत सदा खड़ा स्वागत में। आदरणीय वसंत मदनमय। अति मनमोहक प्रकृति-पुरुषमय। हैं ऋतुराज सुघर ...