मन के भाव

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*लेखनी काव्य प्रतियोगिता* *20 मार्च,2023* *मन के भाव* न हानि है न लाभ है सभी मनो प्रवृत्ति हैं। शरीर मन स्वभाव की अजीब चित्तवृत्ति है।। जियन मरण लगा हुआ इसे नहीं ...

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