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शीर्षक-वतन रक्षक दोहे वीर नमन तुझको करूॅं, वतन रक्षक सुकाज। कसम वतन की ले चला, कफन शीश पर साज।। वतन नमन तुझको करूॅं, चरण झुकाऊं शीश। परम लक्ष्य होता सतत, यही ...