लेखनी कहानी - विष्णु पुराण - अध्याय १

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अध्याय १ ग्रन्थका उपोद्‌घात श्रीसूतजी बोले- मैत्रेयजीने नित्यकर्मोंसे निवृत्त हुए मुनिवर पराशरजीको प्रणाम कर एवं उनके चरण छूकर पूछा ॥१॥ "हे गुरुदेव ! मैंने आपहीसे सम्पूर्ण वेद, वेदांग और सकल धर्मशास्त्रोंका ...

अध्याय

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