फिज़ा

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नमन मंच मेरी लेखनी,                        फिजा फिजाओं मैं घुला जहर।  नही अपनापन अपनों वाली कुछ बात।।  मिट्टी मैं रहा नही सोंधापन।  परायापन ...

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