अभिज्ञान शाकुन्तल

37 भाग

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प्रथम सर्ग : भाग 1 प्रथम सर्ग वैभवपूर्ण हस्तिनापुर में एक हुए भूपति दुष्यन्त प्रियदर्शी, उदार-हृदयी के जग में थी सुख शान्ति अनन्त राजस-प्रवृति, धर्म-अनुरागी, मृगया के आसक्त नितान्त एक बार ...

अध्याय

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