कुछ बातें--(शैलजा पाठक की कविता)

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आत्मग्लानि का कोई रंग नहीं होता बेचैनी की कोई भाषा नहीं दुख किसी कैलेंडर में दर्ज नहीं होते सुख को सहेजना धूप में स्वेटर सुखाना है मर्यादा की कोई सीमा नहीं ...

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