1 भाग
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*जुनून* चढ़ गया नशा बहुत अधीर आज मन लगा। प्यार की लगन लगी विचार स्नेह का जगा।। घूर घूर देखता समस्त सृष्टि सर्जना। बार बार कर रहा मनुष्य प्रीति अर्चना।। प्रेम ...