विदाई की बातें

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प्रतियोगिता हेतु ग़ज़ल सितमगर हमें यूं सितम देने आए। कि आंखे हमें आज नम देने आए।। हमें याद करना नहीं अब कभी भी। वो ज़ालिम हमें ये कसम देने आए।। लिपट ...

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