प्रेम रंग

1 भाग

252 बार पढा गया

16 पसंद किया गया

प्रेम रंग  प्रेम की तूने बंसी ऐसी बजाई  होकर मंगन में सब बिसराई !!  दिन रेन मैंने तेरी यादों में बिताई प्रेम रंग चढ़ा ऐसा कोई और न रंग भाए !  ...

×