कुछ ख़्वाहिशें अधूरी सी

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कुछ ख़्वाहिशें अधूरी सी  मन में मेरे रहती  बन के सपना सी  दर्द के आगोश में चद्दर तान के सोती सी  गमो को बिछोना बना कर सेज सजाई सी दिल की ...

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