1 भाग
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जग की रीत, सजा दिए ना छोड़ी प्रीत, मेरे लिए सब ठीक, उसकी है, नाजायज प्रीत। यह जाने इश्क जोड़ें नफरत तोड़े, तभी तो नाजायज कहने वाले, इश्क करना ना छोड़े। ...