लेखनी प्रतियोगिता -25-Feb-2023 नारी का त्याग

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भाग्यवती के पिता सेठ रतन लाल के घर बावर्ची थे। उनके हाथ की दाल सब्जी ही नहीं रोटी भी बहुत स्वादिष्ट होती थी। गरम फूली हुई देसी घी लगाकर जब वह ...

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