सांझ (दोहे)

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*लेखनी काव्य प्रतियोगिता* *23 फरवरी,2023*   *शीर्षक:सांझ (दोहे)* दिनकर होते अस्त जब, तब आती है सांझ। दिन का अंतिम क्षण यही, समझ न इसको बांझ।। मिलन कराती है यही, खुश होती ...

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