मदिरा सवैया

35 भाग

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*मदिरा सवैया* मंद सुगंध बयार करे नित चुंबन छूवत है तन को। पंख पसार  सुखी खुश है मन पावत शांति सुधा धन को। पीर हरे सुखदायक है भर अंक सुजान बना ...

अध्याय

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