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आठ बजे रात को जब बाबू अमृतराय सैर रिके आये तो कोई टमटम थानेवाला न था। चारों ओर घूम-घूम कर पुकारा। मगर किसी आहट न पायी। महाराज, कहार, साईस सभी चल ...